Rakesh rakesh

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लेखनी कहानी -06-May-2023 आर्थिक जंग

राजा सिद्धार्थ को हमेशा अपने राज्य पर आक्रमण का डर लगा रहता था। क्योंकि उसका राज्य तीन शक्तिशाली पड़ोसी राज्यों से घिरा हुआ था।


वह तीनों शक्तिशाली राज्य सिद्धार्थ राजा के राज्य को हड़पने के नए-नए तरीके खोजते रहते थे।

इसलिए सिद्धार्थ राजा रात दिन जंग से निपटने की नई-नई तरकीब सोचता रहता था।

उसका महामंत्री राजा के डर को समझता था, इसलिए वह भी रात दिन राज्य की सुरक्षा के लिए चिंतित रहता था।

एक दिन बहुत सोच-विचार करके बुद्धिमान सिद्धार्थ राजा महामंत्री को जंग से बचने की एक अनोखी तरकीब बताता है।

महामंत्री को यह तरकीब बहुत पसंद आती है। इसलिए वह राजा कि इस योजना में राजा का पूरा साथ देता है।

राजा की योजना को सफल करने के लिए महामंत्री अंधविश्वासी पड़ोसी राज्य के शक्तिशाली राजा के राज्य पर हमला करने की सलाह देता है।

और दोनों राज्यों की सेना जब राज्य की सीमा पर आमने सामने आ जाती है, तो सिद्धार्थ राजा अपनी योजना को सफल करने के लिए उस राज्य के राजा के पास अपना दूत भेजता है।

सिद्धार्थ राजा का दूत पड़ोसी राज्य के राजा को अपने राजा का संदेश पढ़कर सुनाता है कि हमारे राजपुरोहित ने युद्ध का शुभ मुहूर्त एक महीने के बाद का दिया है।

ऐसा सिद्धार्थ राजा इसलिए करता है  क्योंकि पड़ोसी राज्य का राजा बहुत ज्यादा अंधविश्वासी था। सिद्धार्थ राजा को पता था की पड़ोसी राज्य का अंधविश्वासी राजा भी अपने राजपुरोहित से युद्ध का शुभ मुहूर्त जरुर पूछेगा। और इस तरह मैं उसे अंधविश्वास के जाल में पूरी तरह फंसा लूंगा।

पड़ोसी राज्य का राजा भी अपने राज्य के पुरोहित से युद्ध का शुभ मुहूर्त पूछता है। तो उसके राज्य का राजपुरोहित उसे तीन महीने के बाद का शुभ मुहूर्त बताता है।  

राज्य की सीमा पर जब आमने-सामने दोनों राज्य की सेनाओं को खड़े-खड़े तीन महीने बीत जाते है। तो इस बीच सिद्धार्थ राजा तो अपने राज्य की उन्नति के सारे कार्य करता रहता है, लेकिन पड़ोसी राज्य का राजा युद्ध की उलझन में राज्य की उन्नति के सारे कार्य बीच में ही छोड़ देता है

फिर तीन महीने बाद सिद्धार्थ राजा अपनी योजना के अनुसार पड़ोसी राज्य के राजा को अपने दूत के द्वारा संदेश भेजता है कि "हमारे राजपुरोहित ने कहा है कि दोनों राज्य में से कोई भी राज्य का राजा अपने राज्य के किसानों मजदूरों को सेना में भर्ती करेगा तो उसकी विजय निश्चित है। इसलिए मुझे किसानों और मजदूरों को सैनिक प्रशिक्षण देने के लिए छ महीने का समय चाहिए। और छ महीने का सैनिक प्रशिक्षण पूरा होने के बाद मैं उन्हें अपनी राज्य की सेना में भर्ती करने के बाद ही आपसे युद्ध कर पाऊंगा।" 

पड़ोसी राज्य का राजा अंधविश्वासी था और हर हालत में सिद्धार्थ राजा का राज्य हड़पना चाहता था। इसलिए वह सिद्धार्थ राजा कि राज पुरोहित वाली बात को सच मानकर सिद्धार्थ राजा से पहले अपनी राज्य की सेना में सारे किसानों और मजदूरों को भर्ती करने के लालच में सिद्धार्थ राजा को छ महीने की जगह बाहारा महीने बाद का युद्ध लड़ने का समय दे देता है।

लेकिन सिद्धार्थ राजा अपनी योजना के
मुताबिक किसानों और मजदूरों को सेना में भर्ती नहीं करता है।

किसान और मजदूरों को सेना में भर्ती करने की वजह से पड़ोसी राज्य की आर्थिक स्थिति पूरी तरह खराब हो जाती है। और एक बरस बाद पड़ोसी राज्य में बहुत बड़ा आर्थिक संकट आ जाता है। और राज्य में भुखमरी फैल जाती है।

और पड़ोसी राज्य की भूखी प्रजा अपने राज्य में ही लूटपाट करने लगती है। पड़ोसी राज्य का राजकीय खजाना खत्म हो जाता है। खेती उद्योग धंधे बंद होने की वजह से पड़ोसी राज्य पूरी तरह बर्बाद हो जाता है। और मजबूरी में पड़ोसी राज्य को अपने सैनिक हथियार हाथी घोड़े बेच कर प्रजा का पेट भरना पड़ता है।

और सिद्धार्थ राजा अपनी बुद्धिमानी से बिना किसी का लहू बहाए पड़ोसी राज्य को
आसानी से जीत लेता है। और पड़ोसी राज्य को जीतने के बाद अपने प्रधानमंत्री को वहां का राजा बना देता है। और पड़ोसी राज्य के राजा को मृत्युदंड की जगह कारावास की सजा देने से पहले कहता है कि "जंग मैं जान दी जाती है या ली जाती है। और जंग में धनजन दोनों की सिर्फ हानि होती है। लेकिन जंग की जगह राज्य का विकास करने से राज्य किस शक्ति बढ़ती है। और राजा प्रजा सबके जीवन में सदा खुशियां ही आती रहती है।"
और शांति अहिंसा से सिद्धार्थ राजा बिना जंग लड़े सबसे शक्तिशाली राजा बन जाता है।

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2 Comments

Varsha_Upadhyay

07-May-2023 09:27 PM

बहुत खूब

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Punam verma

07-May-2023 09:38 AM

Very nice

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